आसमां पे चाँदनी का नूर प्यारा देखकर

आसमां पे चाँदनी का नूर प्यारा देखकर 
जल गये हैं सब सितारे ये नज़ारा देखकर 
    
तुम समंदर के गले मे मत उतर जाना कभी 
खूबसूरत ज़िस्म सागर का किनारा देखकर 

हौंसला रखना जहाँ मे ज़िंदगी भर तुम सदा 
तुम कभी करना नहीं कुछ ये ज़माना देखकर 

ज़िंदगी अहसास के नाज़ुक पलों मे रख बशर 
मत कभी फंसना किसी का धान पीला देखकर 

इस उमर के गाँव की पगडंडियों पे चल यहाँ 
इन उबड़ खाबड़ ज़मी पर बस इशारा देखकर 

फैसले होते नहीं हैं अब सबूतों पर यहाँ 
बिक रही है न्याय की कुर्सी भी पैसा देखकर 


तारीख: 17.06.2017                                    राजीव नसीब









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