दिल के अहम जला के मिल |
कद से कद मिला के मिल ||
फिर से दोस्त बनेंगे सब,
बीती बात भुला के मिल ||
रखा है जो दिल में खींच,
लकीरें वो मिटा के मिल ||
छलक उठेगा नूर नया,
सबसे खिलखिला के मिल ||
हवा भी न हो दरमियान,
दायरे सब हटा के मिल ||
राह चलते हम मिले खूब,
कभी तो घर बुला के मिल ||
मैं भी पाक तू भी पाक,
प्रेम–गंगा बहा के मिल ||