हसाँ के हमको रुला रहा है

 

हसाँ के हमको रुला रहा है,
खता हमारी बता रहा है ।।

मिला नही जो बिछड़ के हमको,
वो आज आसू बहा रहा है ।।

चलो उसे भी सबक सिखाए ,
न जाने कब से सता रहा है ।।

यकीं उसी पर न कर सकेगें,

जो हमसे इतना खफा रहा है ।।

'लकी' ने वादा निभाया दिल से,
वफा का बदला वफा रहा है ।।


तारीख: 15.06.2017                                    निमेष









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