ज़िन्दगी की डगर थोड़ी आसान कर

ज़िन्दगी की डगर थोड़ी आसान कर
वक़्त पर सारे कर्ज़ों का भुगतान कर


चाहता है अगर तुझको जन्नत मिले
काम नेकी का भी रोज़ इंसान कर


सर झुकाकर हमेशा तू आ सामने
अपने माँ-बाप को अपना भगवान कर


बस रहा है खुदा हर तरफ़ हर कहीं
जीव-जंतु को भी मत परेशान कर


नेकियाँ ही ‘पवन’ पीछे रह जाएँगी
थोड़ा-थोड़ा सही तू मगर दान कर
 


तारीख: 17.03.2018                                    डॉ. लवलेश दत्त









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