उसकी तब तक खबर नही आती
आँख अश्कों से भर नही आती ।
रोज मिलती है वो रकीबो से
जाने क्यों मेरे घर नहीं आती ।
आज जी लो ये ज़िन्दगी हँसकर
मौत किसको मगर नही आती ।
माँ के हाथों में देखकर छाले
आज क्यों आँख भर नही आती ।
जाऊं तो मैं कहाँ बता भी दो
याद तेरी किधर नही आती ।
आँख उसकी भरी भरी सी है
बात कोई नज़र नही आती ।
शायरी में है नाम मेरा रिशु
मुझको जेरो ज़बर नही आती ।