खत मेरा खोला उसने सबके जाने के बाद
दिल हुआ रोशन, शमा बुझाने के बाद ।।1।।
महफ़िल चुप थी मेरी चुप्पी के साथ
हुआ हंगामा मेरे हलफ उठाने के बाद ।।2।।
जो अब तक देखा वो कुछ भी नहीं था
कयामत हुआ उनके दुपट्टा गिराने के बाद ।।3।।
माँ को समझाया,मैं जरूर आऊँगा
पर रोया बहुत हाथ छुड़ाने के बाद ।।4।।
मासूम जितने थे सब गुनाहगार साबित हो गए
मैं छूट गया,खुद को सियासतदां बताने के बाद ।।6।।
बाप के पैसे की क्या कीमत होती है
बात समझ में आई अपनी कमाई उड़ाने के बाद ।।7।।