खुद को सबसे दूर किया है उसने जब से मुझे मंजूर किया है उसने
इश्क़ की राह इतनी आसान नहीं करके, जुर्म जरूर किया है उसने
आँखें दरिया, लब समंदर हो गए हुश्न को ऐसे बेनूर किया है उसने
खुद का अक्स साफ दिखता नहीं खुद को चकानाचूर किया है उसने
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