मोहब्बत हो गई अब तो ख़जालत छोड़ दो जानां

मोहब्बत हो गई अब तो ख़जालत छोड़ दो जानां
मिलो चाहे न मुझसे तुम अदावत छोड़ दो जानां ।

यही अरमान लेकर मैं चला आया हूँ महफ़िल में
पिला दो जाम नज़रों से शराफत छोड़ दो जानां ।

करूँ क्या मैं बता दो तुम भुलाना है नही आसां
मुझे मिलकर हटाती दूर आदत छोड़ दो जानां ।

बहक जाऊं न मिलकर के इसी खातिर मैं डरता हूँ
कि जब हो पास तुम मेरे ये क़ुर्बत छोड़ दो जानां ।

नज़र  मुझसे  चुराती हो  पडूँ जो     सामने   तेरे
सहा जाता न मुझसे अब,बग़ावत छोड़ दो जानां ।

न हो नाराज सुनकर तू जमाने भर की बातों को
भुला दो बातें दुनिया की रिबायत छोड़ दो जानां ।

सवालों में रखा क्या है करो बस प्यार मुझसे तुम
बहुत करती परेशां हो   बकालत छोड़ दो जानां ।


तारीख: 26.08.2019                                    ऋषभ शर्मा रिशु









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