बैठक


आगे बैठक ,पीछे बैठक
बोलो कितनी बैठक ?
सोते बैठक, जगते बैठक
दिन-रात होती  बैठक  !
रोते बैठक, हंसते बैठक
हर हाल में चलती बैठक !
खाते बैठक, पीते बैठक
खत्म न होती बैठक !
उठते बैठक, गिरते बैठक
ज़मीर बेचकर बैठक !
परिवार मोह के मारे नेता
तभी तो इतनी बैठक !
रोटी,कपड़ा,मकान मांगती
एक दिन जनता भी करेगी
बैठक !


तारीख: 07.12.2019                                    सुजाता









नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है