मंगल भवन अमंगल हारी
भोर हुई अब जागो नारी
घड़ी की सुइयाँ भाग रही हैं
आफिस जाने की करो तैयारी
मंगल भवन अमंगल हारी
तुम न उठोगी तो , सोए रहेंगे सब
कैसे मिलेगी रिक्शे को सवारी
देखो मुन्ना भी सो रहा अब तक
स्कूल में उसकी आरती जाएगी उतारी
मंगल भवन अमंगल हारी
बाबा को तुम देदो जरा चाय बनाकर
जानती हो ना उन्हें है कब्ज की बीमारी
अम्मा को भी मंदिर पहुचाना है
वरना पाप पड़ेगा बहुत भारी
मंगल भवन अमंगल हारी
सुना है मैंने पड़ोसन को कहते
शॉपिंग में छूट लगी है बहुत भारी
कर लो कर लो काम जल्दी घर के
वरना लूट जाएगी दुनिया तुम्हारी
मंगल भवन अमंगल हारी
मंगल भवन अमंगल हारी
सुनी लीजो देवी जी अरज हमारी
कल से उठी जइहौ टाइम पर
वरना वाट लगेगी हमारी ।।।