एक बार तुम्हे देखना चाहता हूँ


तुम्हारी मुस्कराहट को फिर से एक बार देखना चाहता हूँ।
तुम्हारी मुस्कराहट देख फिर मेरा दिल खिलखिला उठेगा।
उस पल का इंतजार कई सालों से कर रहा हूँ।
तुम्हारी एक झलक ही मेरे जीने के लिए काफी है।

 

आसान नहीं होता है मेरे लिए हर वक़्त यूँ मुस्कुराना।
कोई मेरे आँसू देख न ले कहीं डर लगता है मुझे।
गर तुम एक बार और मेरी नज़रों के सामने आ जाओगी।
कभी नहीं रोऊँगा ज़िन्दगी में वादा करता हूँ तुमसे।

 

एक बार फिर आ जाओ मिलने मुझसे तड़प रहा हूँ मैं।
फिर से तुम्हारे क़दमों की आहट को सुनना चाहता हूँ।
मेरे दिल की धड़कन फिर वैसे ही तेज हो जाएगी उस पल।
जैसे तेज चल रही थी जब तुमसे पहली बार मिला था मैं।

 

तुम्हारी खुशबू दुनिया में सबसे खूबसूरत लगती है मुझे।
जैसे शराब के नशे में पहली बारिश की मिट्टी मिली हो।
नशा भी होश भी एक साथ रहता है जब तुम साथ होती हो।
यूँ लगता है जैसे सदियों से नहीं मिला हूँ तुमसे मैं।

 

तुम गर चाहो तो मुझसे बात भी मत करना कभी।
तुम चाहो तो मुझे प्यार से भी मत देखना कभी।
अगर तुम कहो तो साँस भी नहीं लूँगा उस पल के बाद मैं।
पर एक पल के लिए बस एक पल के लिये फिर तुम्हे देखना चाहता हूँ।
 


तारीख: 09.08.2017                                    विवेक सोनी









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