मिटटी् उसका स्थायी स्थान है ,सड़के उसका है बिस्तर।
ईंट है सिरहाने जिसके ,स्नान स्थल है गाली का नल,
हाँ एक जीवन ऐसा है।।
जो घांस की गद्दि पर लेटा है ।
और पत्थर एकत्र कर बेठा है ,हाँ एक जीवन ऐसा है।।
जहाँ पल्के भीगती रोज है और सुख भी है जाती ।
हाँ एक जीवन ऐसा है।।
जहाँ दादी -नानी परियो की नही मजदुरो की,
कहानी है सुनाती , हाँ एक जीवन ऐसा है।।
जहाँ सपने देखे जाते है बस स्वादिष्ट भोजन
खाने के, हाँ एक जीवन ऐसा है।
जहाँ कोई गलत कार्य नही करता है ,
गलत के नाम से ड़रता है।
पर काम उसका बिगड़ता है ,हाँ एक जीवन ऐसा है।।
जो पंछी को देख दुखी हो जाता सड़क का कुत्ता भी।
उसे ल्लचाता है, हाँ एक जीवन ऐसा है।।
जहाँ बच्चों का बचपन भी बड़ी समझदारी से ढलता है।
जहाँ बच्चों की ईच्छाऔं को कोई रोग बुरा सा लगता है,
हाँ एक जीवन ऐसा है।।