कल के टुकड़े


कल के टुकड़े  
आज मे मत घसीट लाना,
कल को कल में ही दफना आना
जो मिली है तुम्हे विरासत में,
वो एक मुट्ठी सीख भर लाना


कल जो पल ना जी सके
 उनको जीने का सलीका भर लाना,
जो चेहरों पर मुस्कुराहट ला सके,
उन यादों की झोली भर लाना
कुछ प्यारे सपने जो सोने नहीं देते,
उन्हे पूरा करने का हौसला लाना


 नया गीत, नया सवेरा,
 नई उड़ान के पर लाना
नई सोच, नई किरणें लाना
मीठे सुरों की झंकार लाना
जीवन जीने के नये अंदाज लाना


दिल पर बोझ हो जो बात,
 वो वही छोड़ आना
बैर द्वेष की मैली चादर,
 वही छोड़ आना 
जर्जर विश्वासों की ढेरी बना बहा आना 


अपने झूठे दर्प के दर्पण को
 तोड़ कर फेक आना
बाकि सब वही छोड़ आना,
दोषारोपण की गठरी बना दफना आना  


 आज खुशगवार है,
इसे ऐसे ही जीना
कल का रोना, आज मत दोहराना
बीत गयी तो फिर ना आयेगी  
जिंदगी है आज ही,
 इसे फिर से कल मत बनाना
कल के टुकड़े
कल मे ही दफना आना
 


तारीख: 18.08.2017                                    किरण शर्मा









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