जिन्दगी क्या है

सूना तो था 
जिन्दगी वेबजह सताती है 
दर्द के आँसू रूलाती है 

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जानता तो हूँ 
जिन्दगी एक परीक्षा है 
हर बार चुनाव चाहती है 

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पर समझा आज है 
जिन्दगी क्या है ?

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कई बार फिसलना है 
पर हर बार संभलना है
जिन्दगी एक बेबसी है 
टूट कर बिखरना
और बिखर कर सँवरना है 

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पर समझा आज है
जिन्दगी क्या है ?

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नियति की सुन्दर तस्वीर नहीं 
कोशिश और मेहनत का परिणाम है 

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पर समझा आज है 
जिन्दगी क्या है ?

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हर जड़ता, हर पाप, 
हर क्रोध का हिसाब होगा 
धैर्य ही सही चुनाव होगा

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पर समझा आज है 
जिन्दगी क्या है ?


तारीख: 07.07.2017                                    आरती









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