मैं रंगोली हूॅ

मैं रंगोली हूॅ , मेरा मातृभूमि पर सन्देश देना ही कार्य है।

    मैं मातृभूमि को सजाकर 

    उम्मीदो के रंग भरती हूॅ ,

    मैं रंगोली रंगो से 

    सजकर मातृभूमि को 

    श्रृंगारित करती हूॅ।

मैं रंगोली हूॅ मेेरा मातृभूमि पर सन्देश देना ही कार्य है।

    है मुझको आशा मै रंगोली 

    सजकर कुछ कहती हूॅ ,

    मै कभी कुछ तस्वीर बनकर

    तो कभी बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ 

    कभी स्वच्छता तो कभी पर्यावरण बचाओ 

    का सन्देश देती हूॅ ,

    पर किसके आंगन की शान बनकर 

    कभी किसी की आवाज बनती हूॅ।

मैं रंगोली हूॅ , मेेरा मातृभूमि पर सन्देश देना ही कार्य है।


तारीख: 22.06.2017                                    अक्षय आजाद भण्डारी









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