शादीशुदा के सौतन और कुंवारे के रात के हमसफ़र हो तुम,
मैं तुम्हारा resource हूँ और मेरे manager हो तुम |
मेरी बीवी को तुमसे जलन होती है,
इतना वक्त तो मैं उसके साथ भी नहीं बिताता,
जिनती बातें तुमसी फ़ोन पे एक दिन में हो जाती हैं,
उतनी मैं उस से महीनो में नहीं कर पाता |
कैसे उसे समझाऊ कि मैं तुम्हारा resource हूँ और मेरे manager हो तुम |
मेरे तीन महीने के काम को तीन दिन का कहते हो,
फिर उसी काम को अपनी PPT में डाल के अपनी efficiency दिखाते हो,
मेरे idea को ' what's the use of this ?' कहके नकारते हो,
फिर उसी को USE करके तारीफें पाते हो |
मैं समझता हु | मैं तुम्हारा resource हूँ और मेरे manager हो तुम |
मुझे free देख के तुम्हे ग्लानि का अनुभव होता है,
तुम्हे अपनी Roles and Responsibilities पे शक होता है,
फिर अगले दिन देर रात रुकवाते हो तुम,
कुंवारा हु,' क्या करोगे घर जाके, weekend पे ख़तम कर देना' कहके शनि के दिन बुलाते हो तुम |
आखिर क्यों मैं तुम्हारा resource हूँ और क्यों मेरे manager हो तुम |
'मैं Client को क्या जवाब दूंगा' का ब्रह्मास्त्र चलते हो तुम,
यही तो तुम्हारा काम है, क्यों नहीं समझ पाते हो तुम |
Appraisal के नज़दीक आते ही महाप्रतापी हो जाते हो तुम,
फरवरी मार्च में ही तो साहा (शादी का मौसम) होता है,
मेरी शादी कि छुट्टी को कटवाते हो तुम |
ये मेरी होने वाली नहीं समझती कि मैं तुम्हारा resource हूँ और मेरे manager हो तुम |
मेरा बच्चा तुम्हारा नाम लेना सीख गया है ,
किसी का भी फोन आते ही ' पापा office ' कहना सीख गया है |
घर पे laptop खुलते ही दुबक जाता है,
ये सब देख मुझे झल्लाना आता है |
न जाने ये कैसे सोची हुई Deadline तुम्हारी, मुझे Dead कर जाएगी,
ये जिद्द तुम्हारी मुझमें Leadership Quality लाने कि कहाँ मुझे लीड कर जाएगी |
हर किसी Company में मिल जाते हो तुम,
मुझे अकेला छोड़ नहीं पाते हो तुम,
शायद इसलिए कि .......