पीले पीले से सुंदर तुम हो अत्यंत ही शुभ
कोमल सी है काया हो कितने नयन सुख
आकाश के झरोखे से लटकते मोहक झूमर
किसी की श्रद्धा से मांगी गयी प्रार्थना का अद्भुत उत्तर
पवित्र और अनुग्रह से भरी झरने की अविरल धार
प्रकृति ने धारण की है स्वर्णिम आभा की बहार
प्रातः के ओस से भीगी पीली मोती चुनता बूढ़ा माली
प्रेयसी के माथे का टीका या कानो में लटकती बाली
चमक चटक यौवन करता असहनीय धूप का परिहास
ह्रदय में भरता अनुपम आनंद और अनन्य उल्लास
प्रियतम से मिलने की एक दमित उत्सुक सी आस
ओह मेरे अमलतास मेरे प्यारे अमलतास