मेरे प्यारे अमलतास

Amaltaas

पीले पीले से सुंदर तुम हो अत्यंत ही शुभ

कोमल सी है काया हो कितने नयन सुख

आकाश के झरोखे से लटकते मोहक झूमर

किसी की श्रद्धा से मांगी गयी प्रार्थना का अद्भुत उत्तर

 

 

पवित्र और अनुग्रह से भरी झरने की अविरल धार

प्रकृति ने धारण की है  स्वर्णिम आभा की बहार

प्रातः के ओस से भीगी पीली मोती चुनता बूढ़ा माली

प्रेयसी के माथे का टीका या कानो में लटकती बाली

 

चमक चटक यौवन करता असहनीय धूप का परिहास

ह्रदय में भरता अनुपम आनंद और अनन्य उल्लास

प्रियतम से मिलने की एक दमित उत्सुक सी आस

ओह मेरे अमलतास मेरे प्यारे अमलतास
                                             
 


तारीख: 11.07.2017                                    "नीलम"









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