न हाल मेरा बेहाल कर 

न हाल मेरा बेहाल कर 
कुछ तो मेरा ख्याल कर ।

एक हिज़्र से सोया नहीं 
कौन कहता है रोया नहीं
सूख गए सब आंसू मेरे
पलकों को भिगोया नही ।

न हाल मेरा बेहाल कर
कुछ तो मेरा ख्याल कर

राह पे नज़रे लगी है
आस इक मन में जगी है
टूट जायगी सांस एक दिन
ये कौन सी मेरी सगी है ।

न हाल मेरा बेहाल कर 
कुछ तो मेरा ख्याल कर

ये ज़िन्दगी तेरे नाम की
बिन तेरे किस काम की
अब हश्र चाहे कुछ भी जो
परवाह है किसे अंजाम की ।

न हाल मेरा बेहाल कर 
कुछ तो मेरा ख्याल कर

सामने जब तुम आओगी
हँसता मुझे तुम पाओगी
अभी बिरह का गीत मैं
श्रृंगार तब तुम गाओगी ।

न हाल मेरा बेहाल कर 
कुछ तो मेरा ख्याल कर ।

कब तक यूँही तड़पाओगी
खुद आँख आंसू लाओगी
दिल तो लिया अब क्या बचा
क्या जान भी ले जाओगी ।

न हाल मेरा बेहाल कर 
कुछ तो मेरा ख्याल कर ।
 


तारीख: 02.08.2019                                    ऋषभ शर्मा रिशु









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