इससे पहले कि मैं होश सम्भालूँ
मदहोश मुझे कर दो,
ज़िन्दगी के रोड़े शूल बनकर चुभे,
फूल मुझे इससे पहले कर दो ।
हँसता रहूँ , गुनगुनाता रहूँ
चढ़कर सर काँटों के,
महकूँ और महकाऊँ अँधेरे
काली घनघोर रातों के ।
जो गिरा रहूँ राहों पर
झूमूँ संग हवाओं के,
जो झिलमिलाए किरणों के संग
वो धूल मुझे तुम कर दो।
इससे पहले कि मैं होश सम्भालूँ
मदहोश मुझे कर दो,
न होश हो जहाँ का
बेहोश इस कदर मुझको कर दो ।