पिता हर्ष हैं सम्मान हैं,
पिता पास के भगवान हैं,
पिता कर्म के विकास में,
उस धर्म के समान हैं,
कभी,
स्वचालित कृपण से,
कभी, अंक के विराम से,
आदर्ष की कतार में,
अग्र में पिता खड़े,
पिता संघर्ष की किताब हैं,
पिता अनुभव के गिर्राज हैं,
विश्वास अंध ,पुत्र का,
पिता रात के प्रकाश हैं,
पिता आकाश की ऊचाई से,
और सन्धु की गहराई से ,
अज्ञान घोर धूप में,
पिता गिरी की परछाई से,
पिता आखरी उम्मीद हैं
पिता राह की तकलीफ हैं,
कठोर राग में छुपे ,
पिता प्रेम के जगदीप हैं,