रक्षाबंधन

 

भाई-बहन का रिश्ता , है बड़ा अनमोल ,
नहीं चुका सकता कोई भी इसका मोल।
रक्षाबंधन का दिन है आया , कली-कली मुस्काई,
सभी भाई हर्षित होते देख अपनी कलाई।


गर रहती हो दूरी भी... तो कोई बात नहीं खास,
मगर इस दिन जरुरी है भाई बहन का साथ।
ना आ पाय बहन , चाहे कैसे हो हालात,
पूछो फिर किसी भाई से कि कितने गम की बात।


रक्षा के बंधन का हमेशा तुम मान रखना,
बहन का साथ ना छूटे, इसका सदैव ध्यान रखना।
प्रेम,त्याग, और रक्षा है इस रिश्ते का आधार,
झगडे चाहे जितने हो, पर प्रेम की सीमा अपार।


खुशियाँ ही खुशियाँ है आज चारो ऒर,
भाई-बहन का रिश्ता , है बड़ा अनमोल ,
नहीं चुका सकता कोई भी इसका मोल।


तारीख: 05.08.2017                                    शुभम सूफ़ियाना









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