तूझमे कोई बात है

 

हां तू ही है वो जिस्म जो तपता सुरज की आग में,
अपने लहू से सींचा धरा को आंधी और बरसात में।
हां तू ही है, हां तू ही है वो,
जो किंचित न भयभीत हुआ हर विपरीत हालात में,
हां तू ही है,
तू ही है निशा, तू ही तो प्रभात है।
हां तूझमे कोई बात है,
तूझमे कोई बात है।।

रण में जो रणवीर है, तू वो महाराणा प्रताप है,
लड़ा आज़ादी की खातिर जो,
तू ही तो वो सुभाष है।
तू ख़ास है, हां तू खास है,
तू उमंग और उल्लास है।
हां तूझमे कोई बात है,
तूझमे कोई बात है।।

मत भूल ये,
तेरे अपनों के लिए तू अपनेपन का अहसास है,
किसी के जीने की आस है,
हां तू किसी का श्वास है।
तेरी हिम्मत के आगे हिमालय भी बौना,
ज़िद पर आजाएं तो, 
तू झुकादे आकाश है।
हां तूझमे कोई बात है,
तूझमे कोई बात है।।

वीरता से जीने का अर्थ है,
तू अटल है, तू अडिग है,
तू पराक्रम है, तू नैतिकता का प्रतीक है।
तेरी अपनी अलग पहचान बना,
तू बढता चल, कभी न रूक,
तुझमें है अल्लाह, तुझमें ही राम है।
तू हुंकार भर, मरने से न डर,
तू लड़, तू आगे बढ़,
निश्चय कर अपनी जीत कर।

कर्म ही तेरा धर्म हो,
इंसानियत ही तेरी जात रे.....
हां तूझमे कोई बात है,
तूझमे कोई बात है।।


तारीख: 23.08.2019                                    मौसम कुमरावत









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