उसे पसंद नहीं


शर्म तो उसमे है पर शर्माना उसे पसंद नहीं।
यूँ तो वो मेरी है पर मेरी कहलाना उसे पसंद नहीं।
उसके हाँ का इंतज़ार कई अरसे से कर रहा हूँ।
उसके मन में तो हाँ है पर कह जाना उसे पसंद नहीं।

वो मुझसे दूर नहीं रह सकती पर करीब आना उसे पसंद नहीं।
वो ख्वाबों से लड़कर जी लेगी पर प्यार जताना उसे पसंद नहीं।
बहोत किस्मत वाला हूँ कि वो मिली मुझे।
पर मेरे आशियाने में रह जाना उसे पसंद नहीं।

वो हर पल खुश रहती है पर हर पल मुस्कुराना उसे पसंद नहीं।
वो मुझसे हर रोज मिलना चाहती है पर मिलने बुलाना उसे पसंद नहीं।
जब नींद की आगोश में होती है तो बहोत खूबसूरत लगती है।
पर सपनों की नगरी में हर रोज खो जाना उसे पसंद नहीं।

वो हर घडी तन्हा रहती है पर तन्हाई उसे पसंद नहीं।
वो मुझसे कभी भी रूठ जाती है पर मेरी रुसवाई उसे पसंद नहीं।
हर पल सीने से लगाकर उसे रखना चाहता हूँ मैं।
पर उसके सीने में मेरी परछाई उसे पसंद नहीं।

हर रोज भोर का जल्दी आना उसे पसंद नहीं।
बारिश की बूँदों का उसे भिगाना उसे पसंद नहीं।
उसके आँखों में आँसू देख मैं रो पड़ता हूँ।
पर उसका किसी भी वजह से मुझे रुलाना उसे पसंद नहीं।
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तारीख: 09.08.2017                                    विवेक सोनी









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