बोलियां भई बोलियां
बहुत याद आती हैं
वो बचपन की बोलियां
तुतलाती, हकलाती मासूमियत भरी
वो बचपन की रंग बिरंगी पहेलिया
कभी कोमल नजरें
देखें इधर, कभी उधर
वो बचपन की मासूम आंखो की अठखेलियां
उन पहले कदमों की साहस भरी कोशिश
वो पहले सफर में
लड़खड़ाते कदमों की दिलेरियां
बोलियां भई बोलियां
बहुत याद आती हैं
वो बचपन की बोलियां
वो पिता जी का
माँ को कहना
रो रही है तेरी कोलरिया
बीता बचपन वो छोड़ याद आती हैं
यारों के साथ निभाई बचपन की यारियां
स्कूल के डर से घर में छिप जाना
वो रो - रो कर स्कूल जाते बच्चों की रेलियां
बोलियां भई बोलियां
बहुत याद आती हैं
वो बचपन की बोलियां
अठन्नी, चवन्नी लेकर
यारों का मन ललचाती
वो मेले की मिठासभरी, रसभरी जलेबियां
वो सहेलियों का हाथ थामकर चलना
बहुत याद आती हैं वो बचपन की संगी सहेलियां
वो पीछे छूटते बचपन से भविष्य की ओर
कदम बढ़ाते वीर जवानो की टोलियां
बोलियां भई बोलियां
बहुत याद आती हैं
वो बचपन की बोलियां
कुछ बनते किसान
कुछ बनते महान
कुछ वीर भगत सिंह कहलाते
वो मौत से लड़ते, आँख मिलाते
साहसी आजाद की बंदूक की गोलियां
बोलियां भई बोलियां
बहुत याद आती हैं
वो बचपन की बोलियां