वो पल जो गहरी यादें दे जाएँ 

जीवन में कभी ना कभी ऐसा वक्त आता है जो हमारी यादों में हमेशा के लिए ठहर जाता है ।वो समय ऐसा होता है जो हममें हमेशा जिन्दा रहता ।कभी ऐसा होता है कि हम किसी की मदद करते हैं या किसी के लिए कुछ ऐसा कर देते है कि उसकी की जिन्दगी कुछ आसान हो जाएँ । और उसके चेहरे की चमक हमारे होंठों की मुस्कान बन जाएँ ।बस वही वक्त हममें हमेशा के लिए ठहर जाता है ।इसी भाव को प्रदर्शित करती है यह कविता, “वो पल जो गहरी यादें दे जाएँ”


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ठड़ी सरसराती हवाओं में 
झुलते पत्तों के साथ 
खिलते फूलों की तरह 
दुःखी मन का कोई कोना 
शांति और सन्तोष 
एक नई ताजगी से भर जाएँ 
वो पल जो गहरी यादें दे जाएँ 
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जख़्म ऐसे इतने गहरे 
जो सीने की जलन को 
बेचैनी और कसमसाहट को 
दर्द और घुटन  को 
पल-भर के लिए ही सही 
भीनी तसल्ली के साथ 
नन्ही उड़ान दे जाएँ 
ओठों के पिछे  हँसी की 
नाजुक वजह दे जाएँ 
वो पल जो गहरी यादें दे जाएँ 
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जिसमें  किसी के 
भीगे पलकों के कोरो को देख 
हम कुछ सिकुड़ जाएँ 
पल-भर के लिए ठहर जाएँ  
हमारी झुकी नजरें 
किसी को गहरी ठंडक दे जाएँ 
वो पल जो गहरी यादें दे जाएँ 


तारीख: 03.08.2017                                    आरती









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