आजादी

आजादी कोई उपहार नहीं,
हमारे सेनानियों की अमानत है |
हमें सौंपना है इसे अगली पीढ़ी को,
और करनी इसकी हिफाज़त है |

 

आजाद देश में जन्म लिया है,
आजादी सौगात में पाई है |
आजादी की कीमत तो उन्होंने दी,
जिन्होंने अपनी जिंदगी लुटाई है |

प्यारे तिरंगे की शान की खातिर,
बलि चढ़ गए देश के मान की खातिर |
धन्य थे वे वीर बलिदानी,
जान गँवा दी पुरखों के सम्मान की खातिर |

 

आओ हाथ से हाथ मिलाएँ,
शहीदों का ज़रा ध्यान करें |
कुछ आँसु श्रद्धा के अर्पित करें,
उनके सपनों के देश का निर्माण करें ||


तारीख: 03.11.2017                                    विवेक कुमार सिंह









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