अभी बहुत कुछ बाकी है

(अगर कोई सच्चे मन, कठिन परिश्रम तथा सच्ची लगन से कार्य करता
है तो ही इस कविता का कोई मतलब है नहीं तो ये कोरी बकवास के सिवा
और कुछ नहीं है|)


ईश्वर का कोई फैसला,
कभी सही न लगे जीवन में |
तो उसे कोसने में समय मत लगाना क्योंकि
अभी तो उसकी बहुत सी करामातें बाकी है ||

तेरी कोई मांग अभी,
पूरी न हुई तो दुखी म़त होना |
अभी तो ईश्वर की बहुत सी ,
सौगातें बाकी हैं ||

अगर ज्येष्ठ, वैसाख में ,
तेरी प्यास न बुझी तो हैरान मत होना,
अभी तो सावन – भादो की बहुत सी ,
रिमझिम बरसातें बाकी है ||

कभी जीवन के खेल में ,
कोई बाज़ी हार गए तो आंसू मत बहाना |
क्योंकि अभी तो जीवन में ,
और भी बिसातें बाकी हैं ||

कभी राहों में , कोई बिछड़ गया तुझसे,
तो खुद को कभी अकेला मत समझना |
अभी तो जिंदगी में बहुतों से,
बहुत सी मुलाकातें बाकी हैं ||

कभी किसी परीक्षा में,
अनुत्तीर्ण हो गए तो मुंह मत लटकाना |
अभी तो तेरे जीवन में ,
बहुत सी ज़मातें बाकी हैं |

जीवन के पन्ने यदि कोरे हैं,
तो खुद को कभी बेकार मत समझना |
अभी से ही उन्हें भरना शुरू कर दो,
क्योंकि तेरे बक्से में अभी बहुत सी कलम और दवातें बाकी हैं |


तारीख: 15.06.2017                                    विवेक कुमार सिंह









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