अपने हृदय का प्यार मुझे दो

बस इतना उपहार मुझे दो।
अपने हृदय का प्यार मुझे दो।।

ले लूँ तेरे मन की पीर।
ले लूँ सारा लोचन नीर।।
बस इतना अधिकार मुझे दो।
अपने हृदय का प्यार मुझे दो।।

बन जाऊँ यादों का बन्दी।
चन्दन तुम, मैं बनूँ सुगंधी।।
ऐसा कारागार मुझे दो।
अपने हृदय का प्यार मुझे दो।।

मेरे सारे सुख तुम ले लो।
चुन-चुन कर दुख मुझको दे दो।।
एक ऐसा व्यापार मुझे दो।
अपने हृदय का प्यार मुझे दो।।

माना मैं ‘लवलेश’ अकिंचन।
सूना मेरे घर का आँगन।।
गीतों का संसार मुझे दो।
अपने हृदय का प्यार मुझे दो।।


तारीख: 22.06.2017                                    डॉ. लवलेश दत्त









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