भारत की पुकार

उठो जवानो देश के, ये वक्त की पुकार है।
जननी जन्म भूमि, भारत की पुकार है।।

भारत  की सभ्यता, गरिमा  की  पुकार  है।
इस देश की पहचान, वीरो के बलिदान की पुकार है।।

न  तीर  धनुष, न तलवार  चलाना  है।
सिर्फ शान्ति का डकां, सारे देश मे बजाना है।।

जन सेवा राष्ट्र सेवा,भ्रष्ट नेताओ को सिखाना है।
रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार को, जडो से मिटाना है।।

पनपते आतंकवाद को, मिलकर सबक सिखाना है।
देश के जवानो का, हौसला बढाना है।।

ईमानदारी भाईचारा, सबको सिखाना है।
जन-2 का यही नारा, घर-2 पहुचाँना है।।

इस भारत देश मे, यह लौ निराली होगी।
तभी सारे देश मे, हर घर खुशहाली होगी।।

फिर देखना इस भारत, की शान निराली होगी।
भारत ने हर क्षेत्र मे, अपनी पहचान बना ली होगी।।

उठो जवानो देश के, ये वक्त की पुकार है।
जननी जन्म भूमि, भारत की पुकार है।।


तारीख: 10.06.2017                                    रामकृष्ण शर्मा बेचैन









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