जब भी तुम मुझे याद आए

गला रूंध गया,
अश्रु झड़ गए,
जब भी तुम मुझे याद आए ।

दिल की बगिया,
बंजर हो गई,
तितली, भ्रमर सब हुए पराए ।

तुझमें और पतझड़ में बस मैं,
फ़र्क, सच कहूँ इतना है ।
उसका आना जो कर जाए,
तेरा न आना कर जाए ।।


तारीख: 10.06.2017                                    विवेक कुमार सिंह









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