माँ

नौकर चाकर नहीं होते ना कोई मशीन होती है |

कुछ घरो में काम होते हैं और माँ होती है |

मेरी तमन्नाएं हो जाती हैं पूरी |

माँ से गले लगने के बाद |

ख्वाहिश है एक अर्से से अधूरी |

माँ जगे मेरे जागने के बाद |

चश्म ए नम हो जाती हैं नूरी |

माँ की नजर मुझे लगने के बाद |

ना काबिल ए बर्दाश्त ये दूरी |

माँ दिखे कहीं से भटकने के बाद |


तारीख: 21.07.2017                                    मुंतज़िर









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