मातृत्व

 

साथ चलेंगे बहुत से साथी 
पर
गिरने पर जो हाथ थाम ले,
अपना है बस वही,
कहने को तो बहुत है साथी।

खुशी में तो सब संग होंगे ही
पर
दुख में भी जो साथ ना छोड़े,
अपना है बस वही,
कहने को तो बहुत हैं साथी।

हंसी लबों की दिखती यूँ ही
पर
पढ़ ले जो आँखो में आंसू ,
अपना है बस वही,
कहने को तो बहुत हैं साथी।

बातें सुनाने वाले बहुत मिलेंगे
पर 
बिन बोले जो मन की सुने ले,
अपना है बस वही,
कहने को तो बहुत हैं साथी।


तारीख: 16.10.2019                                    भूमिका









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