उठो लाल अब आलस तोड़ो,
नींद का अब लालच छोड़ो।
सुबह हो गई बड़ी सुहानी,
बोल रही है चिड़िया रानी।
सूरज की लाली है छाई
फूलों पर तितली है आई।
भँवरे गाना सुना रहें हैं,
नाच नाचकर जगा रहें हैं।
झरनों की आवाज है प्यारी
खिल रही देखो फुलवारी।
कालू आया बस्ता लेकर
पढ़ने जाओ दोनों मिलकर।
भोर की सुंदरता न खोओ
जाग जाओ अब तुम न सोओ।
उठो लाल अब आलस तोड़ो,
नींद का अब लालच छोड़ो।