सैनिक

नमक का उधार नहीं रखते,
दुश्मनों से व्यवहार नहीं रखते ,
हम सैनिक हैं ,
मारते है, या आपके लिए मरते हैं॥ 

जिंदगी की हर शाम देश को समर्पित,
मौत का अंतिम उपहार भी, माँ को समर्पित, 
हम सैनिक  हैं, 
मिट्टी ने दी हैं, करते है उसको जिंदगी ये अर्पित ॥ 

न कोई धर्म , न कोई जात,
वर्दी  है हमारी बस एक  लिबास ॥ 
देश हमारी चाहत, रक्षा हमरी सिद्दांत, 
खुददारी एवं ईमान लेते हमसे पहचान ॥ 

न दिन न रात , 
सरहद पे हवा भी हमसे पूछ कर करती है बात ,
न गर्मी की फिक्र, न सर्द  का डर 
मौसम भी मन बदल ले, देखे जो हमरी प्रहर ॥  

फिरको में बटे  देश के  लोग है, 
पर एक है हम, एक ही हमारा गान,
हम सैनिक है, सेवा हमारा काम,
चंद सिक्को पे न उछालो देश की शान ॥ 


तारीख: 10.06.2017                                    पंकज कुमार









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