सत्यम शिवम सुंदरम

सत्य गर शिव है

तो प्रेम शाश्वत 

प्रेम न अभिलाषीत

प्रेम न परिभाषित 

प्रेम निर्गुण है 

प्रेम सगुण है 

प्रेम न मर्यादित

प्रेम न संयोजित

प्रेम अविरल है 

प्रेम बहुत सरल है ।

 

सत्य , शिव , सुंदरम है 

प्रेम निश्छल रंग है ।


तारीख: 27.01.2020                                    मनीषा गुप्ता









नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है