सुन लो मेरी आह पिया जी ,
एकला मुश्किल राह पिया जी ....
राम हृदय दुर्लभ जग में हैं ,
परख के बोलो शाह पिया जी ....
सिरफ़ रात तक चाँद तुम्हारा ,
करता मैं आगाह पिया जी ....
चादर तक ही पैर ये रखना ,
इच्छा की क्या थाह पिया जी ....
धोखा धंधा पैसा फंदा ,
कर दो सबका दाह पिया जी ....
सावन भादो औ बसन्त हो ,
तुम बिन कैसा माह पिया जी ....
जनम जनम के साथी हो लो ,
मुझको और क्या चाह पिया जी ....