वो कहती है

वो कहती है, इश्क कर लिया मुझसे, अब किसी और का हूँ, कह नहीं पाओगे।
मैं नहीं देखूँगी तुम्हारी तरफ, फिर भी, मुझे देखे बिना रह नहीं पाओगे।
रहने दो तुम, ये इश्क करना, हर किसी के बस की बात नहीं।
बहोत दर्द होता है इसमें, इतना, कि एक पल को भी सह नहीं पाओगे।

वो कहती है, ये चाहत है तुम्हारी, मुझसे इश्क नहीं कर रहे हो तुम।
मुझे पाना चाहते हो, हसरत है तुम्हारी, इश्क को बेनज़र कर रहे हो तुम।
दीवानगी है अगर तुममें, तो फिर मुझसे नजरें फेरकर दिखाओ।
इश्क करने के नाम पर, इश्क का ही कतल कर रहे हो तुम।

वो कहती है, गुम हो जाओगे, कोई नहीं लौटता, इस इश्क के जहान से।
बस तड़प होती है, बस प्यास होती है, अलग नहीं होता वो, ज़रा भी रेगिस्तान से।
जीना मुमकिन नहीं हो पाता, और मौत भी नहीं आती है।
इश्क करके तुम, तुम नहीं रहोगे, क्यों खुदा बनना चाहते हो तुम इंसान से।


तारीख: 18.10.2017                                    विवेक सोनी









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