याद रक्खो , अच्छा है

मुफ़लिसी की हर कहानी , याद रक्खो , अच्छा है ,
स्व पीर खुद से ही जानी , याद रक्खो , अच्छा है !!

मुश्किल सफ़र है भी तो , रस्ता गलत करना नही ,
तेरा घर है ख़ानदानी , याद रक्खो , अच्छा है !!

ज़िन्दगी के अँधियारों से , गर निकलना है तुम्हें ,
ठोकरों की हर निशानी , याद रक्खो , अच्छा है !!

धिक्कार ख़ाकर नाम रौशन , कर गए तुलसी सुनो ,
लोगों की तुम बदजुबानी , याद रक्खो , अच्छा है !!

प्रेम निःस्वार्थ निष्कपट में , माँ जैसा हिरदय बनो ,
इस सफर में होगी हानी , याद रक्खो , अच्छा है !!

रावण, कंस, शकुनी, दुर्योधन, मन्थरा, होलिका हैं फ़ैले ,
इनकी सत्ता मिलके हिलानी , याद रक्खो , अच्छा है !!

अस्त हो या व्यस्त हो , साथ रखना माँ-बाप को ,
खुशियों की वो राजधानी , याद रक्खो , अच्छा है !!


तारीख: 30.06.2017                                    शशांक तिवारी









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