अजनबी

 

शायद वो कहीं नहीं है
अब जब उसे 
तुम बुला रहे हो।
महज़ एक नाम है,
बस एक चेहरा जो
तुम्हे देख रहा है और 
जिसे तुम ताक रहे हो।

चलो बोलो किसे
तुम बुला रहे हो।।


तारीख: 20.03.2018                                    सुचेतना मुखोपाध्याय









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