"बिछड़कर तुझसे मैं फिर से वही आँगन नही पाया ।
गुज़रते ही रहे मौसम वही सावन नही पाया ।।
मेरे होकर भी सब लेकिन मेरे वो हो नही पाये ;
तुम्हारे बाद देखो मैं किसीका बन नही पाया ।।1
"कहीं बेचैन है रातें कहीं ऑखों में पानी है ।
कहीं भी जाके देखो तुम यही दिल की कहानी है।।
कहानी एक ही है फर्क होता है तो बस इतना ,
कहीं दिल ने न माना है कहीं दिल की न मानी है ।।