सीरत या सूरत

सीरत पे नहीं सूरत पे जो मरते हैं ,

वही मोहब्बत को बदनाम किए फिरते हैं।

 इनका मयस्सर नहीं होता जिंदगी भर साथ देना ,

ये हर मोड़ पर फिसला करते है।

 ख़ुद को तो समझते नहीं,

और मोहब्बत को तबाह किए फिरते हैं।


तारीख: 02.01.2020                                    ऋचा शर्मा









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