वो हैं

..वो मुस्कानें उनकी वो कमाल करती हैं,
अदाएं भी एक झलक में धमाल करती हैं।
लबों की थरथराहट जो कर न सकी बयां,
खामोश निगाहें सौ सवाल करती हैं।
लाख पूंछती है दुनिया कि कौन है वो,
मुस्कुराते हुए होंठ मौन हैं क्यों?
मौजूदगी जिनकी सारे सवालों में हैं,
मेरे ख्वाबों में रहने वाले बस .......वो हैं।।


तारीख: 08.04.2018                                    निशांत मिश्रा शंकर









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