अजीब शहर है यारो

अजीब शहर है यारो बेवज़ह बवाल होते हैं ।
रोने पर नहीं यहाँ हँसने पर सवाल होते हैं ।।

बड़े हुनरमंद हैं लोग दिल चुरा ले जाएँगे,
इनकी बातें कमाल चेहरे कमाल होते हैं ।।

हर शख़्स व्यस्त है यहाँ सबकी अपनी दुनिया है,
सबके अपने चेहरे हैं अपने नकाब होते हैं ।।

लोग निकलते हैं यहाँ सड़कों पर सुकून तलाशने,
ऊंचे मकानों में रिश्ते हाल – बेहाल होते हैं ।।

यहाँ बाज़ार लगते हैं जो दिन-रात सजते हैं,
पूँजी के इस खेल में हँसकर हलाल होते हैं ।।


तारीख: 19.06.2017                                    महेश कुमार कुलदीप




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