हौले हौले  हाल ए दिल बदहाल हो गया

हौले हौले  हाल ए दिल बदहाल हो गया
दिल जिगर लगा यार से,कमाल हो गया

अंजान रंग थे प्यार से हम यूँ उलझ गए
प्रेम तंदों में फंस गए,यह मलाल हो गया

दिन रात खोये रहते हम उनके ख्याल में
यादों के झरोखों में दिल निढ़ाल हो गया

हृदय में बसी है बस एक तस्वीर यार की
प्यार तो अब उम्रभर का जंजाल हो गया

हँसते हँसते फंस गए, खुद से हो बेखबर 
करवटें बदलते बदलते बुरा हाल हो गया

अमन चैन खो गया,बेचैनियां सी बढ गई
सुखविंद्र जवाब ना मिला,सवाल हो गया


तारीख: 05.04.2020                                    सुखविंद्र सिंह मनसीरत









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