हो मुमकिन तुझ पे तो साँसे वार दूँ
लेकर आंसू तेरे खुशियाँ हज़ार दूँ ।
लग न जाए नज़र ज़माने भर की
पास आओ जरा नज़र उतार दूँ ।
किस्मत में लिखा क्या किसको पता
हांथो में हाथ ले कुछ पल गुज़ार दूँ ।
ए ज़िन्दगी कर मुक़र्रर वक़्त ऐसा
उसको अपने हांथो से सवाँर दूँ ।
जब कभी चाहें वो भीगना मुझसँग
करूँ ऐसा सावन की पहली फुहार दूँ ।
वादे में तू जो मांगे कुछ पल भले ही
सात जन्मों का तुझको इज़हार दूँ ।