सारी दुनिया को अब ये खबर हो गई
कि वो परी अब मेरी हमसफ़र हो गई
वो सनम तो कभी थी सुधा सी मगर
इस बुरे जग में रहकर ज़हर हो गई
साथ उसके मुझे ये पता न चला
शाम से ऐ खुदा कब सहर हो गई
मैं न जी पाया उसके बिना एक पल
उसकी मेरे बिना ही गुजर हो गई
थी नदी भोली भाली,समुन्दर मगर
तुझमे डूबी तो इसमें लहर हो गई