तुझे भुलाने में कुछ कमी रह गयी

तुझे भुलाने में कुछ कमी रह गयी। 
आंसू पोंछ लिए मैंने, नमी रह गयी। 

बर्फ बनके बरसी थी तू आसमां से,
दिल पर एक चादर सी जमी रह गयी। 

दिल मेरा मासूम था, खुदा तूने इसे
सब कुछ दिया, थोड़ी बेरहमी रह गयी। 

कुछ छोड़ दीं, कुछ कह दीं, कुछ रोक लीं,
बात जो जरुरी थी, लाज़मीं रह गयी।


तारीख: 16.06.2017                                    अर्पित गुप्ता 




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