आसान नहीं है आजकल बच्चों को बड़ा करना
पढ़ा लिखा कर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना ।
तकनीक ने कर दी है तबाह मासूमियत उनकी
नहीं भाता है उन्हें आपस में प्यार से लड़ा करना ।
नज़रंदाज़ करतें हैं बुजुर्गो के नसीहतों को बेखौफ़
बुरा मानते हैं अब उस्तादों का,तमाचे,जड़ा करना ।
खुदगर्ज ख्वाहिशों के तले दफ़न है बचपन कहीं
वो छोटी-छोटी चीजों के लिए ज़िद पे अड़ा करना ।
जाने अजय कब होगा खत्म चलन ये ज़माने का
देख कर तरक्की औरों की नज़रों में गड़ा करना