तुझे जाना है तो फिर आना क्यूँ

तुझे जाना है तो फिर आना क्यूँ
इस तरह से यूँ दिल लगाना क्यूँ

न खुद जलील हो  ना  मुझे कर
मेरे  नाम  से  माँग  सजाना क्यूँ

ख्वाब नहीं ठहरते इन आँखों में
मुझे अपने ख्यालों से जगाना क्यूँ

तू खुदा से भी गद्दारी कर जाए
तेरे लिए फिर हाथ उठाना क्यूँ

कौन तेरी जफ़ा से वाकिफ नहीं
तेरे रूठने पर  तुझे  मनाना क्यूँ


तारीख: 01.11.2019                                                        सलिल सरोज






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