बचपन में लगाया था एक पौधा... पीछे मुड़ के देखा तो दिखाई न दिया अब तक तो उसे पेड़ हो जाना था...
कमी तो कोई न की थी खाद-मिट्टी में मैंने तुमने भी तो उसे सींचा था- वो पानी खारा था क्या?
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